MBBS का पूरा नाम होता है “बैचलर ऑफ़ मेडिसिन और सर्जरी” (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery)। यह एक प्रमुख मेडिकल डिग्री है जो डॉक्टर्स को मेडिसिन और सर्जरी के क्षेत्र में प्रशिक्षित करती है। यह डिग्री उन छात्रों के लिए होती है जो डॉक्टर बनना चाहते है और MBBS के कोर्स में उनके सफलतापूर्वक पास करने पर यह डिग्री उन्हें प्राप्त होती हैं।
MBBS की पढ़ाई आमतौर पर 5.5 साल तक की होती है, जिसमें 4.5 साल की थ्योरेटिकल और एक वर्ष प्रैक्टिकल पढ़ाई होती है और फिर एक साल के लिए इंटर्नशिप की प्रशिक्षण दी जाती है। यह डिग्री छात्रों को विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञों में विशेषज्ञता प्राप्त करने का मार्ग दर्शन प्रदान करती है, जैसे कि न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गाइनेकोलॉजी, पेडिएट्रिक्स आदि।
डॉक्टर बनने का यह मार्ग बहुत माहत्वपूर्ण होता है और यह छात्रों को चिकित्सा विज्ञान में गहरी समझ प्रदान करता है जिससे वे रोगों की पहचान, उपचार और रोकथाम में सहायक हो सकते हैं। यह एक मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री होती है और डॉक्टर्स को चिकित्सा के क्षेत्र में कई अवसर प्रदान करती है।
इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद, डॉक्टर्स विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, अस्पतालों, निजी चिकित्सा प्रदान करने वाले स्थानों, सरकारी सेवा, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी कैरियर बना सकते हैं।
इस तरह से, MBBS एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित मेडिकल डिग्री है जो डॉक्टर्स को चिकित्सा के क्षेत्र में प्रशिक्षित करती है और उन्हें रोगों के उपचार में सहायक बनाती है।
MBBS प्रवेश परीक्षा के आधार पर Admission प्रक्रिया
MBBS के लिए प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया भारत में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के आधार पर थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह कुछ चरणों में समाप्त होती है। निम्नलिखित चरणों में से कुछ आम प्रवृत्तियाँ होती हैं:
1. पंजीकरण और आवेदन: पहला चरण होता है जब मेडिकल कॉलेजों या विश्वविद्यालयों द्वारा प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू होती है। आवेदकों को ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीकों से आवेदन करने का मौका मिलता है।
2. प्रवेश परीक्षा: आवेदकों को एक प्रवेश परीक्षा देनी होती है जो उनकी चिकित्सा विज्ञान में रुचि और क्षमताओं को मापती है। यह परीक्षा आमतौर पर बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अन्य विज्ञान संबंधित विषयों पर आधारित होती है।
3. परीक्षा परिणाम: परीक्षा के बाद, परीक्षा परिणाम घोषित किए जाते हैं और उन्हें स्कोर कार्ड के रूप में उपलब्ध कराया जाता है।
4. कट ऑफ मार्क्स: प्रवेश परीक्षा में उपस्थित उम्मीदवारों के अनुसार कट ऑफ मार्क्स की जाती है। यह मार्क्स उन उम्मीदवारों की संख्या को दर्शाते हैं जिन्होंने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
5. काउंसलिंग और चयन: कई विश्वविद्यालय और कॉलेज एक सार्वजनिक काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित करते हैं जिसमें सफल उम्मीदवारों को सीटों के लिए चयन करने का मौका मिलता है। यह आधारित हो सकता है स्कोर कार्ड पर या अन्य निर्धारित मापदंडों पर।
6. प्रवेश: चयनित उम्मीदवारों को संबंधित मेडिकल कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाती है।
इसके अलावा, कुछ राज्यों या संस्थानों में आपको आयु, नागरिकता, पिछड़ा वर्ग की आरक्षित सीटें, और अन्य पात्रता मानदंडों की पूरी करनी होती हैं। इन सभी प्रक्रियाओं के बाद, उम्मीदवार सफलतापूर्वक MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करते हैं और डॉक्टर बनने की प्रक्रिया की शुरुआत करते हैं।
MBBS कोर्स अवधि कितने वर्ष की होती है
MBBS कोर्स की आमतौर पर अवधि 5.5 साल होती है, जिसमें 4.5 साल की थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल पढ़ाई और फिर 1 साल का इंटर्नशिप शामिल होता है। निम्नलिखित रूपरेखा में MBBS कोर्स की अवधि की जानकारी दी गई है:
1. प्री-क्लिनिकल फेज (पहले 1.5 साल): यह फेज थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल शिक्षा की शुरुआत होती है। इसमें बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बाह्य विज्ञानों की पढ़ाई होती है।
2. पैरा-क्लिनिकल फेज (अगले 1 साल): इस फेज में पैरा-क्लिनिकल विषयों जैसे कि माइक्रोबायोलॉजी, फारमेकोलॉजी, पैथोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन, समाजशास्त्र, और तंत्रिका विज्ञान की पढ़ाई की जाती है।
3. क्लिनिकल फेज (अगले 2 साल): यह फेज चिकित्सा अध्ययन के मुख्य हिस्से को परिभाषित करता है। छात्र अस्पतालों में विभिन्न विभागों में रोटेशन करते हैं और विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के अनुभव प्राप्त करते हैं।
4. इंटर्नशिप (अगले 1 साल): MBBS कोर्स का आखिरी साल इंटर्नशिप के रूप में होता है। इस समय छात्रों को वास्तविक चिकित्सा प्रैक्टिस का मौका मिलता है जहाँ वे अस्पतालों में रोजगार करते हैं, रोगियों की देखभाल करते हैं और अन्य चिकित्सा कार्यों में शामिल होते हैं।
इस प्रकार, MBBS कोर्स की अवधि आमतौर पर 5.5 साल की होती है, जिसमें छात्र चिकित्सा विज्ञान में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करते हैं और चिकित्सा क्षेत्र में अपनी पेशेवरी की शुरुआत करते हैं।
MBBS कोर्स की फीस कितनी होती है
MBBS कोर्स की फीस भारत में कई आधार पर भिन्न हो सकती है, जैसे कि विश्वविद्यालय, राज्य, और कॉलेज की प्रतिष्ठा। फीस में अंतर हो सकता है और यह बाहरी छात्रों के लिए भी अलग हो सकती है।
भारत में कुछ प्रमुख श्रेणियों के लिए आमतौर पर MBBS कोर्स की अनुमानित सालाना फीस निम्नलिखित है:
1. सरकारी कॉलेजों की फीस: सरकारी कॉलेजों में पढ़ने की फीस आमतौर पर कम होती है और यह राज्य और कॉलेज के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर, सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए सरकारी कॉलेजों में सालाना फीस लगभग 10,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक हो सकती है।
2. निजी कॉलेजों की फीस: निजी कॉलेजों में MBBS कोर्स की फीस अधिक होती है, और यह लाखों रुपये तक पहुंच सकती है। फीस में वार्षिक वादा, कॉलेज की प्रतिष्ठा, इंफ्रास्ट्रक्चर, और अन्य कारक शामिल हो सकते हैं।
3. विशिष्ट श्रेणी के छात्रों की फीस: कुछ राज्यों या कॉलेजों में आरक्षित श्रेणी के छात्रों के लिए आरक्षित सीटों की फीस में कमी हो सकती है। इसमें आमतौर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, फ्रीशिप, आदिवासी आदि शामिल होते हैं।
यहाँ दिए गए फीस केवल आम अनुमानित मानक हैं और इसमें बदलाव हो सकता है। छात्रों को विशिष्ट विश्वविद्यालय या कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट या प्राधिकृत स्रोतों से फीस और अन्य विवरण की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
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